मामले में फरार आरोपी अग्रिम ज़मानत के प्रावधानों का लाभ नहीं ले सकता: इलाहबाद हाईकोर्ट
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- November 17, 2022
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इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ सी आर पी सी की धारा 82 के तहत कार्रवाही शुरू की जा चुकी हो वह अग्रिम ज़मानत के प्रावधानों का लाभ नहीं ले सकता है।
यह आदेश जस्टिस सुरेश कुमार ने इटावा की अर्चना गुप्ता की अग्रिम ज़मानत के आवेदन पर दिया है।
इस मामले में आवेदक के खिलाफ 2017 में धोखाधड़ी से ज़मीन हड़पने का मुकदमा दर्ज किया गया था। लेकिन अभी तक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका था।
आवेदक के खिलाफ 2018 में विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया था। लेकिन वह न तो कभी पुलिस के सामने पेश हुई और न ही अदालत में हाज़िर हुई थी।
कोर्ट ने माना कि इस मामले में अग्रिम ज़मानत की आवेदक जांच के लिए उपलब्ध नहीं थी और उसे फरार घोषित कर सी आर पी सी की धारा 82 के तहत कार्रवाही शुरू की गई थी। सामान्यतः आरोपी को जब फरार घोषित कर दिया जाए तो अग्रिम ज़मानत का प्रश्न ही नहीं उठता है।
कोर्ट ने माना कि आरोप पत्र तय होने के बावजूद आवेदक अदालत की कार्रवाही से बचती रही इस कारण मामले में ट्रायल शुरू नहीं हो सका है।
कोर्ट ने आवेदन ख़ारिज कर आवेदक को अग्रिम ज़मानत देने से इंकार कर दिया है।